इसे सितारों के बढ़ते स्ट्रैस लेवल की वजह कह सकते हैं कि कई टेली सितारे अब बौद्ध धर्म की शरण में सुकून पा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा भी इसकी प्रेक्ट्सि कर रही हैं। सिर्फ यही नहीं श्वेता केसवानी, पूनम जोशी, मानव गोहिल और श्वेता क्वात्रा भी इससे जुड़ चुके हैं।
फिल्म ‘लव यू जिंदगी’ फेम अभिनेत्री शिवानी गोसेन को इससे जोड़ने का काम किया श्वेता क्वात्रा ने। शिवानी अब मानती हैं कि इसके बाद से उनमें एक बड़ा बदलाव यह आया है कि वह अपनी पेशेवर जरूरतों को हैंडल करने के साथ ही खुद को भी बेहतर तरीके से हैंडल कर पाती हैं।
इससे जीवन में आ रही समस्याओं के लिए दूसरों को दोष देने के बजाए शिवानी अपनी क्रियाओं के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकारती हैं और इसी के बीच से सकारात्मक सोच लाने की कोशिश करती हैं। शिवानी को यह बेहद ही व्यावहारिक प्रेक्ट्सि लगती है। इससे वह अपने काम के तनाव को भी आसानी से झेल लेती हैं।
अभिनेता प्राचीन चौहान के लिए बौद्ध धर्म की प्रेक्ट्सि जीवन का टर्निग पॉइंट बनकर आई है। वह पिछले चार वष्रो से इसे अपनाए हुए हैं। उनके अनुसार इसका सबसे अहम बिंदु यह है कि यह आपको दूसरों का सम्मान करना सिखाता है। प्राचीन कहते हैं कि ताकतवार लोगों से डरने या कमजोरों को दबाने की आदत के अलावा आप इसकी प्रेक्ट्सि से दूसरांे की तारीफ करना सीखते हैं।
प्राचीन इसे अपनाने के बाद खुद को पहले से अधिक संतुलित महसूस करने लगे हैं। श्वेता क्वात्रा भी खुद को अधिक सकारात्मक महसूस कर रही हैं। उनके अनुसार, ‘हमारी इंडस्ट्री में यूं भी बहुत अधिक तनाव है और थोड़ी असुरक्षा की भावना भी। कई बार आर्थिक असुरक्षा भी इसमें शामिल हो जाती है। यह सभी बातें आपके आत्मविश्वास पर असर डालती हैं। लेकिन अगर आप भावनात्मक तौर पर मजबूत हैं तो इस तरह के दबाव के आगे घुटने नहीं टेकते। बल्कि इनसे डील करना सीख लेते हैं।’
श्वेता केसवानी कहती हैं, ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि एक्टर्स बेहद व्यस्त और तनावग्रस्त जीवन जीते हैं। ऐसे में अगर आप किसी प्रेक्ट्सि में भरोसा बनाए रखें तो यह असहज स्थितियों में आपको दिमागी रूप से मजबूत रखने में मदद करता है। हालांकि इससे आगे मुझे यह दिमागी सुकून और आंतरिक शांति देता है।’
फिल्म ‘लव यू जिंदगी’ फेम अभिनेत्री शिवानी गोसेन को इससे जोड़ने का काम किया श्वेता क्वात्रा ने। शिवानी अब मानती हैं कि इसके बाद से उनमें एक बड़ा बदलाव यह आया है कि वह अपनी पेशेवर जरूरतों को हैंडल करने के साथ ही खुद को भी बेहतर तरीके से हैंडल कर पाती हैं।
इससे जीवन में आ रही समस्याओं के लिए दूसरों को दोष देने के बजाए शिवानी अपनी क्रियाओं के लिए अपनी जिम्मेदारी स्वीकारती हैं और इसी के बीच से सकारात्मक सोच लाने की कोशिश करती हैं। शिवानी को यह बेहद ही व्यावहारिक प्रेक्ट्सि लगती है। इससे वह अपने काम के तनाव को भी आसानी से झेल लेती हैं।
अभिनेता प्राचीन चौहान के लिए बौद्ध धर्म की प्रेक्ट्सि जीवन का टर्निग पॉइंट बनकर आई है। वह पिछले चार वष्रो से इसे अपनाए हुए हैं। उनके अनुसार इसका सबसे अहम बिंदु यह है कि यह आपको दूसरों का सम्मान करना सिखाता है। प्राचीन कहते हैं कि ताकतवार लोगों से डरने या कमजोरों को दबाने की आदत के अलावा आप इसकी प्रेक्ट्सि से दूसरांे की तारीफ करना सीखते हैं।
प्राचीन इसे अपनाने के बाद खुद को पहले से अधिक संतुलित महसूस करने लगे हैं। श्वेता क्वात्रा भी खुद को अधिक सकारात्मक महसूस कर रही हैं। उनके अनुसार, ‘हमारी इंडस्ट्री में यूं भी बहुत अधिक तनाव है और थोड़ी असुरक्षा की भावना भी। कई बार आर्थिक असुरक्षा भी इसमें शामिल हो जाती है। यह सभी बातें आपके आत्मविश्वास पर असर डालती हैं। लेकिन अगर आप भावनात्मक तौर पर मजबूत हैं तो इस तरह के दबाव के आगे घुटने नहीं टेकते। बल्कि इनसे डील करना सीख लेते हैं।’
श्वेता केसवानी कहती हैं, ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि एक्टर्स बेहद व्यस्त और तनावग्रस्त जीवन जीते हैं। ऐसे में अगर आप किसी प्रेक्ट्सि में भरोसा बनाए रखें तो यह असहज स्थितियों में आपको दिमागी रूप से मजबूत रखने में मदद करता है। हालांकि इससे आगे मुझे यह दिमागी सुकून और आंतरिक शांति देता है।’
COURTASY : DAINIK BHASKAR
ReplyDeletenice going
ReplyDelete@KULDEEP THANKS SIR JI
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