विगत सप्ताह हॉलीवुड के दस्तावेज से जाहिर हुआ कि बर्लिन में जन्मीं जर्मन और अमेरिकी सिनेमा की सुपरस्टार मार्लेन डीट्रिच ने सह-अभिनेता डगलस जूनियर से सलाह ली थी कि हिटलर के निमंत्रण पर बर्लिन जाकर वह किसी तरह हिटलर की हत्या करना चाहेंगी। ज्ञातव्य है कि हिटलर डीट्रिच का प्रशंसक था। उनकी योजना में केवल हथियार कैसे ले जाएं, पर बात अटक गई थी।
युद्ध की तीव्रता के कारण वह जर्मनी नहीं जा परई। दूसरे विश्वयुद्ध के समय लगभग सभी देशों में बसे जर्मन नागरिकों को उनके देश भेज दिया गया या नजरबंद किया गया, परंतु अमेरिका को मार्लेन डीट्रिच पर पूरा भरोसा था और अमेरिकी उन्हें अपने देश का नागरिक ही मानते थे।
27 दिसंबर 1901 को बर्लिन में जन्मी मारिया मेगडेलीन डीट्रिच की महत्वाकांक्षा वायलिन वादन में श्रेष्ठता अर्जित करनी थी, परंतु हाथ में लगी चोट के कारण यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने जर्मन फिल्मों में अभिनय शुरू किया और शीघ्र ही पूरे यूरोप में उन्हें लोग पसंद करने लगे।
अमेरिकी फिल्मकार जोसेफ वॉन स्टर्नबर्ग मार्लेन डीट्रिच को हॉलीवुड लेकर आए। इस टीम ने 1929 से 1934 तक अनेक सफल फिल्में कीं और मार्लेन डीट्रिच को ग्रेटा गारबो की तरह लोकप्रियता मिली और अपार धन भी मिला। स्टर्नबर्ग की पत्नी ने उन दोनों के लगातार साथ काम करने के कारण जन्मी अफवाहों के आधार पर अपने पति से तलाक के मुकदमे में मार्लेन को भी खींचा यद्यपि मार्लेन के जर्मन पति और बेटी भी अमेरिका आ चुके थे। धन देकर छुटकारा पाने के बदले मार्लेन डीट्रिच ने अदालत में अपना पक्ष सिद्ध किया। इस घटना के बाद उन्होंने अन्य फिल्मकारों के साथ काम करना प्रारंभ किया।
मार्लेन डीट्रिच ने हॉलीवुड में लंबी और सफल पारी खेली। उन्होंने अपनी अनेक सफल फिल्मों में आधुनिका और साहसी तथा सेक्सी युवती की भूमिका निबाही। कुछ फिल्मों में नाइट क्लब में नृत्य के साथ गाने वाली की भूमिका में उन्हें बहुत सराहा गया। मजे की बात यह है कि अभिनय कॅरियर खत्म होने के बाद मार्लेन डीट्रिच ने अपनी फिल्मों के दृश्यों से मिलते-जुलते यथार्थ के रेस्त्रां बनाए और उन्हें लोकप्रिय करने के लिए वह स्वयं अपनी फिल्मों की तरह भड़कीली पोशाकों में प्रस्तुत होतीं और अपने गीत भी गाती थीं। कमसिन उम्र में उन्होंने विधिवत गायन की शिक्षा ली थी।
इस ‘जिंदा नाच-गाने’ की सफलता के बाद उन्हें कुछ प्रसिद्ध होटलों से गाने के निमंत्रण मिले और उन्होंने महंगी पोशाकों के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किए। पांच सितारा होटल के धनाढ्य ग्राहक एक सुपर सितारे का ‘लाइव’ नाच-गाना देखकर उत्तेजित होते थे। इस तरह का साहस अन्य किसी सुपर सितारे ने नहीं दिखाया। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि माधुरी यथार्थ में ‘धक-धक..’ करेंगी या श्रीदेवी कहीं ‘हवा हवाई..’ पेश करेंग
ी?
बर्लिन में जन्मी और जवान हुई हॉलीवुड की इस सफल सितारा ने हिटलर को कत्ल करने की योजना भी बनाई थी- यह क्या कोई साधारण महिला कर सकती है? मार्लेन की आखिरी फिल्म क्रेमर द्वारा निर्देशित ‘जजमेंट एट न्यूरेमबर्ग’ वर्ष 196१ में प्रदर्शित हुई। गौरतलब है कि यह कथा नाजी अत्याचार में शामिल लोगों के मुकदमे पर आधारित थी।
युद्ध की तीव्रता के कारण वह जर्मनी नहीं जा परई। दूसरे विश्वयुद्ध के समय लगभग सभी देशों में बसे जर्मन नागरिकों को उनके देश भेज दिया गया या नजरबंद किया गया, परंतु अमेरिका को मार्लेन डीट्रिच पर पूरा भरोसा था और अमेरिकी उन्हें अपने देश का नागरिक ही मानते थे।
27 दिसंबर 1901 को बर्लिन में जन्मी मारिया मेगडेलीन डीट्रिच की महत्वाकांक्षा वायलिन वादन में श्रेष्ठता अर्जित करनी थी, परंतु हाथ में लगी चोट के कारण यह संभव नहीं हुआ तो उन्होंने जर्मन फिल्मों में अभिनय शुरू किया और शीघ्र ही पूरे यूरोप में उन्हें लोग पसंद करने लगे।
अमेरिकी फिल्मकार जोसेफ वॉन स्टर्नबर्ग मार्लेन डीट्रिच को हॉलीवुड लेकर आए। इस टीम ने 1929 से 1934 तक अनेक सफल फिल्में कीं और मार्लेन डीट्रिच को ग्रेटा गारबो की तरह लोकप्रियता मिली और अपार धन भी मिला। स्टर्नबर्ग की पत्नी ने उन दोनों के लगातार साथ काम करने के कारण जन्मी अफवाहों के आधार पर अपने पति से तलाक के मुकदमे में मार्लेन को भी खींचा यद्यपि मार्लेन के जर्मन पति और बेटी भी अमेरिका आ चुके थे। धन देकर छुटकारा पाने के बदले मार्लेन डीट्रिच ने अदालत में अपना पक्ष सिद्ध किया। इस घटना के बाद उन्होंने अन्य फिल्मकारों के साथ काम करना प्रारंभ किया।
मार्लेन डीट्रिच ने हॉलीवुड में लंबी और सफल पारी खेली। उन्होंने अपनी अनेक सफल फिल्मों में आधुनिका और साहसी तथा सेक्सी युवती की भूमिका निबाही। कुछ फिल्मों में नाइट क्लब में नृत्य के साथ गाने वाली की भूमिका में उन्हें बहुत सराहा गया। मजे की बात यह है कि अभिनय कॅरियर खत्म होने के बाद मार्लेन डीट्रिच ने अपनी फिल्मों के दृश्यों से मिलते-जुलते यथार्थ के रेस्त्रां बनाए और उन्हें लोकप्रिय करने के लिए वह स्वयं अपनी फिल्मों की तरह भड़कीली पोशाकों में प्रस्तुत होतीं और अपने गीत भी गाती थीं। कमसिन उम्र में उन्होंने विधिवत गायन की शिक्षा ली थी।
इस ‘जिंदा नाच-गाने’ की सफलता के बाद उन्हें कुछ प्रसिद्ध होटलों से गाने के निमंत्रण मिले और उन्होंने महंगी पोशाकों के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत किए। पांच सितारा होटल के धनाढ्य ग्राहक एक सुपर सितारे का ‘लाइव’ नाच-गाना देखकर उत्तेजित होते थे। इस तरह का साहस अन्य किसी सुपर सितारे ने नहीं दिखाया। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि माधुरी यथार्थ में ‘धक-धक..’ करेंगी या श्रीदेवी कहीं ‘हवा हवाई..’ पेश करेंग
ी?
बर्लिन में जन्मी और जवान हुई हॉलीवुड की इस सफल सितारा ने हिटलर को कत्ल करने की योजना भी बनाई थी- यह क्या कोई साधारण महिला कर सकती है? मार्लेन की आखिरी फिल्म क्रेमर द्वारा निर्देशित ‘जजमेंट एट न्यूरेमबर्ग’ वर्ष 196१ में प्रदर्शित हुई। गौरतलब है कि यह कथा नाजी अत्याचार में शामिल लोगों के मुकदमे पर आधारित थी।
No comments:
Post a Comment