Tuesday, 17 May 2011

एक ऐसा आविष्कार जिसने इंसान को ही बदल दिया और फिर.....


आज तक का सबसे महत्वपूर्ण मैकेनिकल आविष्कार है पहिया। औद्योगिक क्रांति के बाद से हर मशीन में इसका कहीं न कहीं कोई न कोई रोल होता है। फिर भी आज तक पता नहीं चला है कि इसकी खोज कब और किसने की थी। पुरातत्व शास्त्रियों के अनुसार ये काम 8000 ईसापूर्व के करीब एशिया में हुआ था। फिर भी दुनिया का सबसे पुराना पहिया मेसोपोटामिआ में मिला था। ये करीब 3500 साल ईसापूर्व में बना था।

करीब 2000 ईसापूर्व में पहली बार स्पोक वाले पहिए मिस्र के रथों में लगाए गए थे। यूरोप में इनका आविष्कार 1400 ईसापूर्व में हुआ होगा, वह भी मध्यपूर्व से प्रभावित हुए बिना। वैसे भी इसका फॉमरूला काफी साधारण है। इसलिए समझा जाता है कि सभी ने इसकी खोज खुद कर ली होगी।
 
इसके विपरीत अगर इंका, एज़टैक और माया सभ्यता को देखा जाए तो वहां पहिए का इस्तेमाल कहीं नहीं दिखाई देता। फिर उन लोगों ने किस तरह उच्च स्तर का विकास कर लिया था। इसके अलावा साथ जुड़े हुए दो पहियों का विकास सुमेरिया के लोगों ने किया होगा। फिर भी दुनिया का सबसे पहला पहिया किसने बनाया, ये आज भी राज है।

राज है गहरा

दुनिया के विकास में सबसे बड़ा हाथ पहिए का रहा है। हर मशीन में इसका कहीं न कहीं इस्तेमाल होता है। फिर भी ये महत्वपूर्ण खोज कब, किसने और कैसे की थी, इस बात का इतिहास कहीं नहीं मिलता। पुरातत्व शास्त्री और वैज्ञानिक मानते हैं कि अलग-अलग स्टेज में इसका विकास हुआ है, लेकिन इसकी शुरुआत कहां से हुई थी, ये आज भी राज है।

1- पेड़ के तने का रोलर।

2- फिर बनाई स्लैज।

3- फिर रोलर पर स्लैज रखी होगी।

4- जरूरत अनुसार रोलर में बनाए खांचे।

5- फिर बने एक पीस में एक्सल से जुड़े पहिए।

6- फिर शुरू किया एक्सल से पहिए जोड़ना और बिअरिंग लगाना।

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