Friday, 10 June 2011

10 वर्षीय लड़की ने ख़ोला समाज का काला चिट्ठा


भारत, यमन, अफगानिस्तान और इथोपिया जैसे देशों में बेहद कम उम्र में लड़कियों की शादी एक ऐसा प्रचलन बन चुका जिसकी वजह से इन देशों में लड़कियों की औसत आयु में तेजी से गिरावट आई है.


दरसल जल्दी शादी होने की वजह से कह उम्र में वो ज्यादा बच्चे पैदा कर रही हैं जिसका असर सीधे उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में बेहद कम उम्र की लड़कियों को उनसे कहीं ज्यादा उम्र के लडको के साथ ब्याह दिया जाता है. इनमे से ज्यादतर मर्द या तो अधेड़ होते हैं या तलाकशुदा. ऐसे मामले भी सामने आये हैं जब इन पुरुषों ने पहले लड़की के साथ रेप किया और बाद में दबाव बनाकर उससे शादी कर ली.


अनुमान के मुताबिक हर साल लगभग एक से सवा करोड़ लड़कियां ऐसे विवाह का शिकार बनती हैं.


एक लड़की की बहादुरी ने ख़ोल दी थी समाज की पोल


गौरतलब, है कि तीन साल पहले यमन में एक दस साल की लड़की अपने पति के घर से भाग कर कोर्ट पहुंची और उसने अपने ३० साल के पति से तलाक की मांग की. उसने आरोप लगाया कि वह उसे रोज पीटता है. घटना के बाद इस लड़की की हिम्मत लोगों के लिए मिसाल बन गई. उसके ऊपर एक किताब भी लिखी गई जिसे ३० भाषाओं में अनुवादित भी किया गया है. इस किताब का टाइटिल है 'आइ एम नुजूद, एज १० एंड डीवोर्सड' . 
इसी तरह कि एक दूसरी घटना में यमन कि ही एक दस साल की लड़की आयशा को ५० साल के व्यक्ति के साथ ब्याह दिया गया था. उसकी बहन फातिमा ने पत्रकारों को बताया कि जब भी उसकी बहन उसे फोन करती है तो रोती ही रहती है. उसके पति ने धमकी दी है अगर उसने किसी से ये सब बताया तो जेल से बाहर आने पर वह उसका क़त्ल कर देगा.

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