दुनिया में करीब 6000 भाषाएं आज बोली जाती हैं। इनमें से आधी अगली एक सदी में विलुप्त हो जाएंगी। इसका सबसे बड़ा खतरा अयापैनेको भाषा के सामने है। फिलहाल मैक्सिको के मेनुएल सेगोविआ और इस्रिडो वेलाज़कुएज्टो, सिर्फ दो ही आदमी दुनिया में इस भाषा के जानकार बचे हैं। दोनों आधे घंटे की दूरी पर बसे गांवों में रहते हैं।
इंडिआना यूनिवर्सिटी के लिंग्विस्टिक एंथ्रोपोलॉजिस्ट डेनियल सुस्लैक कहते हैं कि वहां स्पेनिश भाषा अनिवार्य होने का खामियाजा इस भाषा को भुगतना पड़ा है। अफसोस की बात है कि सेगोविआ और वैलाकुएज भी घर से निकलना पसंद नहीं करते, इसलिए इस भाषा को बचाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
इंडिआना यूनिवर्सिटी के लिंग्विस्टिक एंथ्रोपोलॉजिस्ट डेनियल सुस्लैक कहते हैं कि वहां स्पेनिश भाषा अनिवार्य होने का खामियाजा इस भाषा को भुगतना पड़ा है। अफसोस की बात है कि सेगोविआ और वैलाकुएज भी घर से निकलना पसंद नहीं करते, इसलिए इस भाषा को बचाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
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