श्रीनगर. सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा को धर्म के नाम पर धोखा करार दिया है। उनके अनुसार आजादी की मांग करने वाले कश्मीरियों की आवाज को नई दिल्ली दबा रहा है। स्वामी अग्निवेश ने हुर्रियत कान्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी से मुलाकात के दौरान यह बात कही।
बुधवार को दोनों के बीच चली एक घंटे की मुलाकात के दौरान कश्मीर की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। 'पीस कान्फ्रेंस' में भाग लेने घाटी पहुंचे स्वामी अग्निवेश गिलानी से मिलने उनके हैदर पोरा स्थित घर पहुंचे थे। स्वामी अग्निवेश ने अलगाववादियों के सुर से सुर मिलाते हुए अमरनाथ यात्रा को ‘धार्मिक पाखंड’ करार दिया है।
गिलानी ने घाटी की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि पत्थरबाजों को गिरफ्तार करना गलत निर्णय था। वहीं कान्फ्रेंस में स्वामी अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा करने वालों को धर्म पर विश्वास नहीं रखने वाला कहा।
अग्निवेश ने कहा, 'अमरनाथ में बनने वाला शिवलिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे धर्म से जोड़ा जाना सही नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘मेरी समझ से बाहर है कि लोग अमरनाथ यात्रा के लिए क्यों जाते हैं। यह धर्म के नाम पर धोखा है। मैं इस तरह के धर्म पर यकीन नहीं करता। धर्म वह है जो गरीबों व वंचितों को न्याय दिलाए।’
स्वामी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राज्यपाल एसके सिन्हा को निशाना बनाते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से शिवलिंग पिघलने के बाद नकली शिवलिंग तैयार करवाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अग्निवेश ने पिछले साल घाटी में हुए पत्थरबाजी की घटना के आरोपियों (पत्थरबाजों) की रिहाई के साथ राज्य से सशस्त्र बलों के स्पेशल पावर एक्ट को हटाने की भी मांग की। उन्होंने घाटी में प्रदर्शनों के दौरान मारे गए 118 लोगोंकी मौत की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की मुहिम में साथ खड़े होने वाले स्वामी अग्निवेश ने जन लोकपाल बिल का समर्थन किया था। अग्निवेश ने इससे पहले नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। अमरनाथ यात्रा को लेकर स्वामी अग्निवेश के बयान को लेकर हिंदूवादी संगठनों में गुस्सा है। विहिप, बजरंग दल, भाजपा, क्रांति दल, शिव सेना आदि संगठनों ने अग्निवेश से माफी मांगने को कहा है।
13,500 फीट की ऊंचाई पर है ज्योतिर्लिंग
अमरनाथ में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। खराब मौसम और सुरक्षा कारणों को लेकर हिमालय की गुफाओं में स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून और 13 अगस्त के बीच चलेगी। अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक 37000 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 10 मई को शुरू की। पिछले साल 4 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी।
आपकी बात
नक्सलियों से हमदर्दी रखने के लिए स्वामी अग्निवेश की कई लोगों ने आलोचना की है। क्या स्वामी अग्निवेश का ताजा बयान हिंदू धर्म के अनुयायियों की आस्था पर चोट है? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर दुनियाभर के पाठकों से शेयर करें।
किसी भी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पाठक स्वयं जिम्मेदार होंगे। इस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
बुधवार को दोनों के बीच चली एक घंटे की मुलाकात के दौरान कश्मीर की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। 'पीस कान्फ्रेंस' में भाग लेने घाटी पहुंचे स्वामी अग्निवेश गिलानी से मिलने उनके हैदर पोरा स्थित घर पहुंचे थे। स्वामी अग्निवेश ने अलगाववादियों के सुर से सुर मिलाते हुए अमरनाथ यात्रा को ‘धार्मिक पाखंड’ करार दिया है।
गिलानी ने घाटी की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि पत्थरबाजों को गिरफ्तार करना गलत निर्णय था। वहीं कान्फ्रेंस में स्वामी अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा करने वालों को धर्म पर विश्वास नहीं रखने वाला कहा।
अग्निवेश ने कहा, 'अमरनाथ में बनने वाला शिवलिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे धर्म से जोड़ा जाना सही नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘मेरी समझ से बाहर है कि लोग अमरनाथ यात्रा के लिए क्यों जाते हैं। यह धर्म के नाम पर धोखा है। मैं इस तरह के धर्म पर यकीन नहीं करता। धर्म वह है जो गरीबों व वंचितों को न्याय दिलाए।’
स्वामी ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राज्यपाल एसके सिन्हा को निशाना बनाते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से शिवलिंग पिघलने के बाद नकली शिवलिंग तैयार करवाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अग्निवेश ने पिछले साल घाटी में हुए पत्थरबाजी की घटना के आरोपियों (पत्थरबाजों) की रिहाई के साथ राज्य से सशस्त्र बलों के स्पेशल पावर एक्ट को हटाने की भी मांग की। उन्होंने घाटी में प्रदर्शनों के दौरान मारे गए 118 लोगोंकी मौत की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की मुहिम में साथ खड़े होने वाले स्वामी अग्निवेश ने जन लोकपाल बिल का समर्थन किया था। अग्निवेश ने इससे पहले नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। अमरनाथ यात्रा को लेकर स्वामी अग्निवेश के बयान को लेकर हिंदूवादी संगठनों में गुस्सा है। विहिप, बजरंग दल, भाजपा, क्रांति दल, शिव सेना आदि संगठनों ने अग्निवेश से माफी मांगने को कहा है।
13,500 फीट की ऊंचाई पर है ज्योतिर्लिंग
अमरनाथ में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। खराब मौसम और सुरक्षा कारणों को लेकर हिमालय की गुफाओं में स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून और 13 अगस्त के बीच चलेगी। अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक 37000 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 10 मई को शुरू की। पिछले साल 4 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी।
आपकी बात
नक्सलियों से हमदर्दी रखने के लिए स्वामी अग्निवेश की कई लोगों ने आलोचना की है। क्या स्वामी अग्निवेश का ताजा बयान हिंदू धर्म के अनुयायियों की आस्था पर चोट है? अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर दुनियाभर के पाठकों से शेयर करें।
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